मथुरा में घूमने की जगह: कृष्ण की नगरी की 9 खास जगहें जो हर यात्री को देखनी चाहिए – मथुरा में घूमने के बेहतरीन
भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में हर साल 50 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं यह शहर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि इतिहास, कला और संस्कृति का अनूठा संगम है।
मथुरा की गलियों में चलते हुए आपको कृष्ण की बाल लीलाओं की याद आएगी। यहां के प्राचीन मंदिर, घाट और पुरातन इमारतें आपको अपने इतिहास में ले जाएंगी। आइए जानते हैं मथुरा की उन खास जगहों के बारे में, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देंगी।
कृष्ण जन्म भूमि मंदिर – मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा में स्थित कृष्ण जन्म भूमि मंदिर भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। यह मथुरा में घूमने की जगह सबसे प्रसिद्ध जगह है यहीं पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण का जन्म एक जेल की कोठरी में हुआ था। यह मथुरा का सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
जन्माष्टमी और होली के त्योहार पर यहां भारी संख्या में तीर्थयात्री जुटते हैं। इस समय मंदिर में विशेष सजावट की जाती है और भव्य आयोजन होते हैं।
मंदिर तक पहुंचना बहुत आसान है। मथुरा जंक्शन से यह करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर है। आप सिटी बस, ऑटो या टैक्सी से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से शाम तक का समय उपलब्ध रहता है।
द्वारकाधीश मंदिर – मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। इसकी खूबसूरत राजस्थानी वास्तुकला और चित्रकला देखने लायक है। मंदिर की दीवारों पर बनी सुंदर मूर्तियां और नक्काशी आपको मोह लेंगी।
यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति को “द्वारका के राजा” के रूप में सजाया गया है। यह मथुरा में घूमने की जगह में से एक है खास बात यह है कि यहां उन्हें मोर पंख और बांसुरी के बिना दिखाया गया है। मानसून की शुरुआत में मंदिर में विशेष झूला उत्सव मनाया जाता है, जो बहुत लोकप्रिय है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय ऑटो और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। सुबह से शाम तक मंदिर में दर्शन किए जा सकते हैं। यहां आने वाले भक्तों को शांति और सुकून का अनुभव होता है।
राधा कुंड – मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा में स्थित राधा कुंड वैष्णवों के लिए एक बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थान है। यह श्री राधा और कृष्ण के प्रेम की गाथाओं से जुड़ा हुआ है। पुराणों में इस कुंड का विशेष महत्व बताया गया है।
हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। कहा जाता है कि राधा कुंड में स्नान करने से मन को शांति मिलती है और पापों का नाश होता है। यहां की शाम की आरती बहुत खास होती है।
राधा कुंड गोवर्धन के पास स्थित है। आप यहां टैक्सी या स्थानीय बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। सुबह का समय यहां आने के लिए सबसे अच्छा होता है। कुंड के आसपास कई छोटे मंदिर भी हैं, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं।
कंस किला – मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा का कंस किला भगवान कृष्ण के मामा कंस से जुड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है। इस किले का निर्माण राजा मानसिंह प्रथम ने करवाया था। किले की खास बात यह है कि इसमें हिंदू और मुगल दोनों शैलियों का खूबसूरत मेल देखने को मिलता है।
यमुना नदी के किनारे बना यह किला अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। यहां से नदी का नजारा बेहद सुंदर लगता है। किले की दीवारों पर की गई कलाकारी आज भी लोगों को अचंभित करती है।
किले तक पहुंचने के लिए आप स्थानीय बस, ऑटो या रिक्शा का इस्तेमाल कर सकते हैं। पैदल चलकर भी किले तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। सुबह का समय किले की सैर के लिए सबसे अच्छा होता है।
गोवर्धन पहाड़ी – मथुरा में घूमने की जगह
गोवर्धन पहाड़ी मथुरा की एक पवित्र जगह है जहां भगवान कृष्ण ने अपने गांव को बचाने के लिए पूरी पहाड़ी को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इस घटना की याद में आज भी यहां विशेष पूजा की जाती है।
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का खास आयोजन होता है। इस दिन लोग गाय के गोबर से पहाड़ी का छोटा रूप बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। साथ ही अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाया जाता है और गायों की भी पूजा की जाती है।
गोवर्धन पहाड़ी तक पहुंचने के कई साधन हैं। आप साइकिल रिक्शा, टैक्सी या स्थानीय बस से आसानी से यहां आ सकते हैं। यहां की परिक्रमा करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है। सुबह का समय परिक्रमा के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
कुसुम सरोवर – मथुरा में घूमने की जगह
गोवर्धन और राधा कुंड के बीच स्थित कुसुम सरोवर एक खूबसूरत जल स्थल है। इस सरोवर की खास बात इसकी बलुआ पत्थर से बनी सीढ़ियां हैं, जिनका इस्तेमाल तालाब में उतरने के लिए किया जाता है।
पर्यटक यहां तैराकी का आनंद लेते हैं और गर्मी के मौसम में डुबकी लगाते हैं। सरोवर के आसपास कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। शाम के समय यहां का दृश्य बहुत मनमोहक होता है।
आप कुसुम सरोवर तक पैदल या स्थानीय वाहनों से आसानी से पहुंच सकते हैं। सुबह का समय यहां आने के लिए सबसे अच्छा होता है। सरोवर के किनारे बैठकर शांत वातावरण का आनंद लिया जा सकता है।
मथुरा संग्रहालय – मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा संग्रहालय की स्थापना 1874 में हुई थी। यह संग्रहालय अपनी अनूठी वास्तुकला और प्राचीन पुरावशेषों के लिए जाना जाता है। यहां कुषाण और गुप्त साम्राज्य की बेहद कीमती कलाकृतियां रखी गई हैं।
संग्रहालय में रखी मूर्तियां और कलाकृतियां मथुरा की समृद्ध कला परंपरा को दर्शाती हैं। यहां प्राचीन मूर्तियों के साथ-साथ सिक्के, बर्तन और अन्य पुरातन वस्तुएं भी प्रदर्शित की गई हैं।
यह शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और इतिहास के शौकीन लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है। संग्रहालय तक पहुंचने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। सुबह से शाम तक यह आम लोगों के लिए खुला रहता है।
मथुरा के घाट – मथुरा में घूमने की जगह
यमुना नदी के किनारे मथुरा में 25 खूबसूरत घाट स्थित हैं। ये पवित्र घाट भगवान कृष्ण के समय से जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि बाल कृष्ण यहां अपनी बाल लीलाएं करते थे और गोपियों के साथ जल क्रीड़ा का आनंद लेते थे।
इन घाटों पर स्नान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां स्नान करने से भक्तों के पुराने पाप धुल जाते हैं। सूर्योदय के समय घाटों पर की जाने वाली आरती का दृश्य अद्भुत होता है।
मथुरा के घाटों तक पहुंचना बहुत आसान है। आप पैदल या सिटी बसों से आसानी से यहां जा सकते हैं। सुबह का समय घाटों पर जाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। शाम के समय दीपदान का विशेष महत्व है।
जमा मस्जिद
मथुरा की जमा मस्जिद 1661 में बनाई गई एक भव्य इमारत है। इसकी सबसे खास बात इसकी चार मीनारें हैं, जो इसे एक अलग पहचान देती हैं। मस्जिद की वास्तुकला में मुगल शैली का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। यह मथुरा में घूमने की जगह में से एक प्रसिद्ध जगह है।
यह मस्जिद धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यहां रोज पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है। जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में विशेष रौनक देखने को मिलती है।
मस्जिद तक पहुंचने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। आप टेम्पो, सिटी बस या पैदल चलकर आसानी से यहां आ सकते हैं। मस्जिद सुबह से शाम तक दर्शकों के लिए खुली रहती है। मस्जिद में जाने से पहले उचित पहनावा और मर्यादा का ध्यान रखना जरूरी है।
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यात्रा का समापन
मथुरा की यात्रा आपको भक्ति और इतिहास से जोड़ती है। यहां के हर कोने में कृष्ण की कहानियां छिपी हैं, हर मंदिर में उनकी याद है, और हर घाट पर उनकी लीलाओं की गूंज सुनाई देती है।
अगर आप मथुरा आएं तो इन सभी जगहों को जरूर देखें। सुबह की आरती से लेकर शाम के दीपदान तक, हर पल आपको कुछ नया सिखाएगा और एक अलग अनुभव देगा। यह यात्रा न सिर्फ आपकी यादों में बसेगी, बल्कि आपकी आत्मा को भी शांति देगी।