Delhi Vidhan Sabha Election Date 2025: युवा मतदाताओं की बढ़ती भूमिका और राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव
दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है, जहाँ 2.08 लाख नए मतदाता पहली बार अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करेंगे। यह नई पीढ़ी का प्रवेश राजधानी के भविष्य को एक नई दिशा दे सकता है, विशेषकर जब राजनीतिक दल भ्रष्टाचार, प्रदूषण और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों पर आमने-सामने हैं।
1.55 करोड़ मतदाताओं के साथ, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 न केवल संख्या के मामले में बड़ा है, बल्कि यह चुनाव कई मायनों में अनूठा भी है। 13,033 मतदान केंद्रों पर होने वाले इस चुनाव में डिजिटल निगरानी से लेकर विशेष सुविधाओं तक, हर स्तर पर नवीन प्रयास किए गए हैं।
Delhi Vidhan Sabha Election Date 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मतदान 5 फरवरी को होगा, जबकि मतगणना और परिणामों की घोषणा 8 फरवरी को की जाएगी। राजधानी में 2697 स्थानों पर कुल 13,033 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें 210 मॉडल मतदान केंद्र शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में मतदाताओं की कुल संख्या 1.55 करोड़ है, जिसमें 83.49 लाख पुरुष और 71.74 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। विशेष रूप से, इस बार 25.89 लाख युवा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पहली बार वोट डालने वाले 2.08 लाख नए मतदाता भी इस चुनाव में अपनी भूमिका निभाएंगे।
मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर और रैंप की सुविधा शामिल है। चुनाव आयोग ने EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
मुख्य मुद्दे और जनभावनाएँ
भ्रष्टाचार के आरोप Delhi Vidhan Sabha Election में एक प्रमुख मुद्दा बन गए हैं। भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके चलते कई AAP नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
नागरिक सुविधाओं में सुधार भी एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा है। कूड़े के ढेर, बहती नालियां और पानी की आपूर्ति जैसी बुनियादी समस्याएं मतदाताओं के मन में हैं। BJP ने इन मुद्दों पर AAP सरकार को घेरा है, जबकि AAP का कहना है कि यह केवल बदनामी की राजनीति है।
वायु प्रदूषण भी दिल्ली के मतदाताओं के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। सर्दियों में लगातार बिगड़ती एयर क्वालिटी ने इस मुद्दे को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे पर इस समस्या के समाधान में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं।
मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और उसका प्रभाव
Delhi Vidhan Sabha Election में मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय राजधानी में अब कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83.49 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 71.74 लाख है। युवा मतदाताओं की भागीदारी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि 25.89 लाख युवा वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस बार 2.08 लाख नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। यह नई पीढ़ी के मतदाताओं का प्रवेश दिल्ली की राजनीति में नए विचारों और दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित कर सकता है। चुनाव आयोग ने इन नए मतदाताओं के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए हैं, जिससे मतदान प्रतिशत में वृद्धि की संभावना है।
Delhi Vidhan Sabha Election – चुनाव आयोग की तैयारियों पर ध्यान
Delhi Vidhan Sabha Election के लिए चुनाव आयोग ने EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सभी मतदान केंद्रों पर EVM की नियमित जांच और परीक्षण किया जा रहा है, साथ ही VVPAT मशीनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
मतदान केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जिनमें व्हीलचेयर, रैंप और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की तैनाती शामिल है। चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान संयमित भाषा का प्रयोग करें और विशेषकर महिलाओं के प्रति अभद्र भाषा से बचें।
सभी 13,033 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी, जिससे मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। चुनाव आयोग ने मॉडल मतदान केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया है, जहां आधुनिक सुविधाएं और बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा।

भविष्य की चुनौतियां और अवसर
Delhi Vidhan Sabha Election कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक ओर जहाँ बड़ी संख्या में युवा मतदाताओं की भागीदारी नए विचारों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार, प्रदूषण और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दे चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
चुनाव आयोग की व्यापक तैयारियां और आधुनिक तकनीक का उपयोग इस चुनाव को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाएगा। नई पीढ़ी के मतदाताओं का प्रवेश और बदलती राजनीतिक गतिशीलता दिल्ली के भविष्य को नई दिशा दे सकती है।
हमारे और पोस्ट पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक करें