भाई दूज 2024: कब है यह प्यार भरा त्योहार और क्या हैं इसकी परंपराएं?
भाई दूज का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल में भी मनाया जाता है? यह रोचक तथ्य दर्शाता है कि भाई-बहन के प्रेम का उत्सव सीमाओं से परे है।
भाई दूज एक ऐसा त्योहार है जो भाई और बहन के बीच के प्यार और स्नेह को प्रदर्शित करता है। यह दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका लगाती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी सुरक्षा का वादा करते हैं।
भाई दूज 2024
2024 में भाई दूज कब है, यह जानने के लिए बहुत से लोग उत्सुक हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भाई दूज 2024 में रविवार, 3 नवंबर को मनाया जाएगा। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित की गई है, जो चंद्र कैलेंडर पर आधारित है।
इस शुभ अवसर के लिए समय का विशेष महत्व होता है। पंडितों के अनुसार, द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात 08:21 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर को रात 10:05 बजे तक रहेगी। हालांकि, भाई दूज के रीति-रिवाजों के लिए अपराह्न काल को सबसे शुभ माना जाता है। यह समय दोपहर 01:17 से शाम 03:38 तक रहेगा, जो लगभग 2 घंटे 21 मिनट का होगा।
भाई दूज की परंपराएं और रीति-रिवाज भारत के विभिन्न हिस्सों में थोड़े अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन मूल भावना एक ही रहती है – भाई-बहन के बीच प्रेम और स्नेह का उत्सव। सामान्यतः, इस दिन की शुरुआत बहनों द्वारा अपने भाइयों के लिए विशेष थाली तैयार करने से होती है। इस थाली में दीया, रोली, अक्षत (चावल के दाने) और मिठाई रखी जाती है।
टीका समारोह भाई दूज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाती है, उसकी आरती उतारती है और उसे मिठाई खिलाती है। यह रीति-रिवाज भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना को दर्शाता है। बदले में, भाई अपनी बहन को उपहार देता है, जो उसकी सुरक्षा और देखभाल का प्रतीक होता है।
कुछ क्षेत्रों में, भाई दूज को भाऊ बीज के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र और गोवा में यह त्योहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है। वहां की परंपरा के अनुसार, बहनें अपने भाइयों को कड़वे नीम के पत्ते खिलाती हैं, जो जीवन की कड़वी-मीठी यादों का प्रतीक है।
भाई दूज का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि यह त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुना के मिलन से जुड़ा हुआ है। यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन के लिए आमंत्रित किया और उनके माथे पर तिलक लगाया। यमराज इस स्नेह से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से मिलेगा, उसे मृत्यु का भय नहीं होगा।
कुछ विद्वानों का मानना है कि भाई दूज रक्षा बंधन से मिलता-जुलता त्योहार है। दोनों त्योहार भाई-बहन के बीच के प्यार और समर्पण को दर्शाते हैं। हालांकि, रक्षा बंधन श्रावण महीने में मनाया जाता है, जबकि भाई दूज कार्तिक महीने में आता है।
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2024 में भाई दूज मनाने के लिए, परिवार अभी से ही तैयारी शुरू कर सकते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जब भाई-बहन एक-दूसरे के लिए विशेष उपहार खरीद सकते हैं या खुद बना सकते हैं। कुछ लोग इस दिन को विशेष बनाने के लिए यात्रा की योजना भी बना सकते हैं, खासकर अगर वे दूर रहते हैं।
भाई दूज न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि परिवार और रिश्ते हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हम अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर अपने प्रियजनों के साथ बिताते हैं और उनके प्रति अपना प्यार और आभार व्यक्त करते हैं।
निष्कर्ष के रूप में, भाई दूज 2024 में 3 नवंबर को मनाया जाएगा। यह एक ऐसा अवसर है जो भाई-बहन के बीच के प्रेम और स्नेह को मजबूत करता है। चाहे आप इस दिन को पारंपरिक तरीके से मनाएं या अपने तरीके से, याद रखें कि इस त्योहार का असली महत्व एक-दूसरे के प्रति प्यार और समर्पण में निहित है। तो आइए, इस भाई दूज को और भी खास बनाने की तैयारी करें और अपने रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।